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What is Income Tax Return (ITR)

आयकर रिटर्न (Income Tax Return) का प्रस्तुतन वार्षिक या वार्षिक नहीं भी हो सकता है, इसका आधार आयकर कानून के अनुसार निर्धारित किया जाता है।

आयकर रिटर्न (Income Tax Return) जमा करने के मुख्य लाभों में से एक है कि यह व्यक्ति को उसकी आय का विवरण प्रदान करने और सही राशि पर आयकर भुगतान करने की सुविधा प्रदान करता है। इसके साथ ही, आयकर रिटर्न भरने के माध्यम से व्यक्ति को कई प्रकार की छूटों और निवेश से संबंधित लाभ भी मिल सकते हैं। इसके अलावा, आयकर रिटर्न के जमा होने से सरकार को देश की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करने में मदद मिलती है और विभिन्न सेक्टरों और व्यक्तियों की आर्थिक क्षमता का मूल्यांकन करने की सुविधा प्रदान करती है।


आयकर रिटर्न (Income Tax Return) भरने के लिए निम्नलिखित जानकारी की आवश्यकता होती है :
 -  आय का स्रोत
-  आयकर कटौती के लिए योग्य छूटों और अपशिष्ट निवेशों का विवरण
-  अन्य आयकर कानूनी विवादों का विवरण या सूचना
-  पिछले वित्त वर्ष में उत्पन्न या हासिल किए गए किसी भी नुकसान का विवरण
-  आयकर विभाग की तरफ से जारी किए गए किसी भी निर्धारित प्रमाणपत्र का विवरण


आयकर रिटर्न भरने के लिए व्यक्ति को आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से आवश्यक फार्म डाउनलोड करना और उसे सही विवरणों के साथ भरकर जमा करना होता है।


रिटर्न फाइल कौन- कौन भर सकता है?
आयकर रिटर्न भरने का अधिकार सभी उन व्यक्तियों और व्यवसायों को होता है जिनकी आय आयकर विभाग द्वारा विशेष निर्धारण की गई सीमा से अधिक होती है। निम्नलिखित वर्गों के लोग आयकर रिटर्न जमा कर सकते हैं

व्यक्तिगत आयकर रिटर्न
व्यक्तिगत आय कमाने वाले व्यक्ति, जैसे कि व्यक्तिगत वेतन, बिजनेस आय, विवाह उत्तरदाता की आय, निवेश से प्राप्त आय, बचत या ब्याज से प्राप्त आय, आदि।


नियमित व्यावसायिक आयकर रिटर्न
किसी व्यावसायिक संस्था, कम्पनी, फर्म, एलपी, एलएलपी, आदि के उत्पादन और व्यावसायिक आय को दर्ज करने वाले लोग।

विशेष प्रकार के आयकर रिटर्न
आयकर विभाग द्वारा निर्दिष्ट विशेष प्रकार के आय या व्यवसायों के लिए रिटर्न, जैसे कि निधि, ट्रस्ट, आदि।

इसके अलावा, कुछ अन्य विशेष प्रावधान हो सकते हैं जिनके अंतर्गत विशेष लोग भी आयकर रिटर्न जमा कर सकते हैं, जैसे कि निदेशक आय और वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाले व्यक्तियों के लिए।

लेकिन, यह महत्वपूर्ण है कि आयकर रिटर्न जमा करने के लिए व्यक्तिगत आयकर नियमों और कानूनों का पालन किया जाना चाहिए।
 

इनकम टैक्स रिटर्न कितने प्रकार का होता है?
भारतीय आयकर विभाग द्वारा निर्धारित अनुसार, आयकर रिटर्न कई प्रकार के हो सकते हैं, जो विभिन्न प्रकार की आय को ध्यान में रखते हुए तैयार किए जाते हैं। यहां कुछ प्रमुख आयकर रिटर्न के प्रकार हैं:
 

ITR-1 (सहायक 1): यह साधारण आयकर रिटर्न होता है, जो किसी व्यक्ति के लिए जिनकी कुल आय निम्नलिखित होती है:

-  वेतन/पेंशन आय
-  अन्य आय (ब्याज, बचत आदि)
-  एक निवेश समाप्त होने पर लाभ
-  एक निर्धारित आय के अनुसार सीमित होने पर सुविधा
-  अन्य नियमित छूटियाँ

ITR-2:
यह रिटर्न व्यक्तियों के लिए है जिनकी आय आयकर नियमों के अनुसार विभिन्न स्रोतों से आती है, जैसे कि वेतन, पेंशन, व्यावसायिक आय, प्रतिभूतियाँ, निवेश से प्राप्त आय आदि।

ITR-3:
यह रिटर्न व्यावसायिक आय कमाने वाले व्यक्तियों (जैसे कि व्यावसायिक व्यक्तित्व, चालक, आदि) के लिए होता है।

ITR-4 (सहायक 4):
यह रिटर्न व्यक्तियों के लिए है जिनकी आय के लिए प्रतिवर्ष की नकद और नकद व्यय की आंकड़े नहीं होते हैं।

ITR-5:
यह रिटर्न फिर्मों, एलपी, आवासीय संपत्ति ट्रस्ट, आदि के लिए होता है।

ITR-6:
यह रिटर्न कम्पनियों के लिए होता है।

ITR-7:
यह रिटर्न अनुदान, चारित्रिक ट्रस्ट, विशेष प्रकार की आय, आदि के लिए होता है।

ITR (Income Tax Return) भरने के फायदे :-
 

- TDS रिफंड के लिए आवश्यक
 यदि आप 7 लाख रुपये की बेसिक टैक्स छूट सीमा से सालाना कम कमाते हैं, तो टीडीएस/टीसीएस रिफंड का दावा (Apply For TDS) कर सकते ह। टीडीएस  रिफंड पाने के लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है 

- कारोबार के लिए लाभदायक

- बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड लेना सुविधाजनक

- VISA प्राप्त करने के लिए।

- नुकसान (कैपिटल लॉस) की भरपाई
- ज्यादा बीमा कवर मिलेगा
अगर आप एक करोड़ रुपए का बीमा कवर (टर्म प्लान) लेना चाहते हैं तो बीमा कंपनियां आपसे आईटीआर की जानकारी मांग सकती हैं।

पैनल्टी से मुक्ति
5 लाख रुपये से कम है सैलरी तो भी भरना होगा आईटीआर ऐसा इसलिए क्योंकि 2.5 लाख से ज्यादा की सैलरी पर 5 फीसदी टैक्स लगता है, लेकिन आईटीआर फाइल करते वक्त आपको 87ए के तहत रीबेट मिल जाती है

पते का सबूत
- आईटीआर की कॉपी आपके लिए रेसिडेंशल प्रूफ का काम करती है

एक सजग नागरिक एवं देश के आर्थिक विकास मे योगदान हेतु।