ITR Filing Process: आईटीआर कैसे फाइल करें? जानें फाइल करने का आसान तरीका
आईटीआर (ITR) फाइल करना न केवल एक कानूनी दायित्व है, बल्कि यह आपकी वित्तीय स्थिति को भी मजबूत करता है। यह न केवल करदाताओं को कर लाभ प्राप्त करने में मदद करता है, बल्कि ऋण स्वीकृति, क्रेडिट कार्ड आवेदन, और वित्तीय पारदर्शिता को भी सुनिश्चित करता है। यदि आपकी वार्षिक आय ₹2.5 लाख से अधिक है, तो ITR फाइल करना अनिवार्य है। साथ ही, यदि आपकी आय पर TDS कटा है, तो आप ITR दाखिल करके टैक्स रिफंड भी प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप आईटीआर दाखिल करना चाहते हैं तो हम आपको बताएंगे कि इसे कैसे फाइल कर सकते है.
आईटीआर फॉर्म के प्रकार
आयकर विभाग विभिन्न करदाताओं के लिए अलग-अलग ITR फॉर्म जारी करता है। सही फॉर्म का चयन आपकी आय के स्रोत, कुल वार्षिक आय और कर दायित्व पर निर्भर करता है। यहाँ ITR-1 से ITR-7 तक उपलब्ध फॉर्म और उनकी विशेषताएँ दी गई हैं।
ITR-1 (सहज) – यह फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए है जो वेतन, पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी से किराये की आय या ब्याज जैसी अन्य स्रोतों से आय प्राप्त करते हैं। इसकी सीमा ₹50 लाख वार्षिक आय तक है, और इसमें लॉटरी या घुड़दौड़ से अर्जित आय शामिल नहीं होती।
ITR-2 – वेतनभोगी, पूंजीगत लाभ अर्जित करने वाले या एक से अधिक संपत्तियों से आय प्राप्त करने वाले व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) इस फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इसमें व्यवसाय या पेशे से प्राप्त आय शामिल नहीं होती।
ITR-3 – यह उन व्यक्तियों या HUF के लिए है जो किसी व्यवसाय या पेशे से आय अर्जित करते हैं, जैसे व्यापारी, डॉक्टर, वकील, स्टॉक ट्रेडर और फ्रीलांसर।
ITR-4 (सुगम) – छोटे व्यवसायियों, स्वतंत्र पेशेवरों और फ्रीलांसरों के लिए जो प्रेजम्प्टिव इनकम स्कीम (धारा 44AD, 44ADA, 44AE) के तहत कर भुगतान करते हैं। इसमें ₹50 लाख तक की अनुमानित आय रखने वाले व्यक्ति शामिल होते हैं।
ITR-5 – यह फॉर्म फर्म, LLP (लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप), AOP (एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स) और BOI (बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स) जैसी संस्थाओं के लिए होता है, जो ITR-7 के अंतर्गत नहीं आतीं।
ITR-6 – यह उन कंपनियों के लिए है जो आयकर अधिनियम की धारा 11 के तहत कर छूट का दावा नहीं कर रही हैं और अपने व्यवसाय से होने वाली आय पर कर दे रही हैं।
ITR-7 – इस फॉर्म का उपयोग ट्रस्ट, धार्मिक संगठन, राजनीतिक दल, शैक्षिक संस्थान और अन्य संस्थान करते हैं जिन्हें आयकर अधिनियम की विशेष धाराओं (139(4A), 139(4B), 139(4C), 139(4D), 139(4E), 139(4F)) के तहत कर छूट प्राप्त होती है।
आईटीआर फाइल करने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज़
आईटीआर फाइल करने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि इसके लिए कौन से दस्तावेज जरूरी हैं।
आईटीआर फाइल करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी नीचे दी गई है:
पैन कार्ड
आधार कार्ड
बैंक स्टेटमेंट
सैलरी स्लिप
फॉर्म 16 (नौकरी करने वाले लोगों के लिए)
फॉर्म 26AS
अन्य आय के विवरण
आईटीआर (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख
आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अनुसार निर्धारित होती है। आमतौर पर, जिन व्यक्तियों या कर्मचारियों का ऑडिट आवश्यक नहीं होता, उनके लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई होती है। वहीं, जिन व्यवसायों या संस्थानों के खातों का ऑडिट अनिवार्य होता है, उनके लिए यह समय-सीमा बढ़कर 31 अक्टूबर हो जाती है। यदि करदाता ट्रांसफर प्राइसिंग से जुड़े हैं, तो उनके लिए आखिरी तारीख 30 नवंबर होती है। हालांकि, सरकार परिस्थितियों के अनुसार समय-सीमा बढ़ा भी सकती है। अगर कोई व्यक्ति तय समय-सीमा के बाद आईटीआर फाइल करता है, तो उसे विलंब शुल्क और ब्याज देना पड़ सकता है। इसलिए, करदाताओं को समय पर आईटीआर फाइल करने की सलाह दी जाती है ताकि किसी भी प्रकार की पेनल्टी से बचा जा सके।
आईटीआर कैसे फाइल करें?
आईटीआर फाइल करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
स्टेप 1 : इनकम टैक्स विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं.
स्टेप 2 : यदि आप नए यूजर हैं तो रजिस्टर करें या यदि आप पुराने यूजर हैं तो अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड के साथ लॉग इन करें.
स्टेप 3 : सफलतापूर्वक लॉगिन होने के बाद आप डैशबोर्ड पर, ई-फाईल > आयकर रिटर्न > 'आयकर रिटर्न दाखिल करें' पर क्लिक करें.
स्टेप 4 : जिस असेसमेंट ईयर के लिए फाइल करना चाहते है, उस ईयर को चुने और "Continue" पर क्लिक करें.
स्टेप 5 : अपना आईटीआर फाइल करने का माध्यम चुनें और "Online" विकल्प को चुने.
स्टेप 6 : अपनी स्थिति जैसे व्यक्तिगत, एचयूएफ, या अन्य के विकल्प को चुने.
स्टेप 8 : अपनी टैक्स आय के अनुसार आईटीआर फॉर्म चुने.
स्टेप 9 : अब आप आईटीआर फाइल करने का कारण चुनना चुनें.
स्टेप 10 : बैंक खाते की जानकारी दर्ज करें, बैंक खाते की जानकारी पहले ही प्रदान किये जाने की स्थिति में सुनिश्चित करें की जानकारी पूर्व-मान्य हैं.
स्टेप 11 : अब एक पेज खुलेगा जिसमें आपकी काफी जानकारी पहले से ही दर्ज होगी. अपनी जानकारी समीक्षा करके पुष्टि करें और सत्यापित करें.
ई-वेरिफिकेशन कैसे करें?
इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने के बाद उसे सत्यापित करना आवश्यक होता है, जिसे ई-वेरिफिकेशन कहा जाता है। यदि यह प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं की जाती, तो फाइल किया गया रिटर्न अमान्य हो सकता है और उसे प्रोसेस नहीं किया जाएगा। करदाताओं को ई-वेरिफिकेशन पूरा करने के लिए कुछ समय दिया जाता है, जिसमें वे विभिन्न तरीकों का उपयोग कर सकते हैं। आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त कर, बैंक खाता या डीमैट अकाउंट के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड (EVC) जनरेट कर, नेट बैंकिंग या डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (DSC) का उपयोग कर यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। इसके अलावा, कुछ एटीएम भी ई-वेरिफिकेशन कोड जनरेट करने की सुविधा देते हैं। ई-वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद करदाता अपने आईटीआर की स्थिति की जांच कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनकी फाइलिंग सफलतापूर्वक स्वीकार की गई है। यदि किसी कारणवश आईटीआर प्रोसेस नहीं हुआ है, तो इसकी संभावित वजह का भी पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा, करदाता अपने टैक्स रिफंड की स्थिति भी देख सकते हैं और यह जान सकते हैं कि उन्हें कब तक रिफंड प्राप्त होगा। समय पर ई-वेरिफिकेशन करने से आईटीआर जल्द प्रोसेस होता है और रिफंड जल्दी प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है।
आईटीआर फाइल करने के फायदे
आईटीआर फाइल करने के कई फायदे हो सकते हैं. कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:
बैंक ऋण : आईटीआर फाइल करने से ऋण के लिए आपकी पात्रता बढ़ सकती है, जिससे आपको बैंकों से अधिक मात्रा में कर छूट प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
वीज़ा आवेदन : जब भी आप वीज़ा के लिए आवेदन करते हैं, तो कई देशों में दस्तावेज़ीकरण प्रक्रिया के भाग के रूप में वीज़ा आवेदकों को अपनी आयकर रिटर्न प्रतियां जमा करने की आवश्यकता होती है। आयकर रिटर्न दाखिल करने से आपकी वीजा प्रक्रिया आसान हो सकती है।
आय प्रमाण : आय प्रमाण व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। आप आईटीआर को अपनी आय प्रमाण के रूप में उपयोग कर सकते हैं, जिसमें आपकी वार्षिक आय का विवरण होता है।
टैक्स रिफंड का दावा करें : आईटीआर फाइल करने का एक महत्वपूर्ण लाभ टैक्स रिफंड का अवसर होता है। कभी-कभी टीडीएस या अग्रिम कर के माध्यम से आपकी आय से टैक्स काटा जाता है, भले ही आपकी आय टैक्स छूट सीमा से कम हो। हालांकि, आप रिटर्न दाखिल करके अतिरिक्त राशि के रिफंड का दावा कर सकते हैं।
जुर्माने से बचें : यदि कोई व्यक्ति समय पर अपना आयकर रिटर्न जमा करता है, तो वह आयकर विभाग द्वारा लगाए गए जुर्माने से बच सकता है। समय पर आयकर रिटर्न जमा करने से आपको मानसिक शांति भी मिल सकती है।
FAQ's
1. ITR फाइल करना क्यों जरूरी है?
ITR फाइल करना न केवल कानूनी रूप से अनिवार्य हो सकता है, बल्कि यह आपके वित्तीय रिकॉर्ड को मजबूत करता है और बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड, और वीज़ा अप्लिकेशन के लिए मददगार होता है।
2. कौन-कौन लोग ITR फाइल कर सकते हैं?
सभी वेतनभोगी, व्यवसायी, फ्रीलांसर, HUF (हिंदू अविभाजित परिवार), फर्म, कंपनियां और अन्य करदाता ITR फाइल कर सकते हैं, यदि उनकी आय कर योग्य सीमा से अधिक है।
3. ITR फाइल करने की आखिरी तारीख क्या है?
आयकर रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन हर साल बदल सकती है। आमतौर पर, व्यक्तिगत करदाताओं के लिए 31 जुलाई अंतिम तिथि होती है, जबकि व्यवसायों के लिए अलग समय सीमा हो सकती है।
4. क्या मैं बिना इनकम के भी ITR फाइल कर सकता हूं?
हाँ, यदि आपकी कोई टैक्सेबल इनकम नहीं है लेकिन आप भविष्य में वित्तीय लाभ (जैसे लोन या वीज़ा अप्लिकेशन) चाहते हैं, तो ITR फाइल करना फायदेमंद होता है।
5. क्या ITR फाइल करने से टैक्स रिफंड मिल सकता है?
हाँ, यदि आपकी टीडीएस (TDS) कटौती अधिक हुई है और आपकी कुल टैक्सेबल इनकम कम है, तो आप ITR फाइल करके रिफंड क्लेम कर सकते हैं।
6. ITR फाइल करने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होती है?
आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, फॉर्म 16 (अगर नौकरीपेशा हैं), निवेश से जुड़े दस्तावेज, और पिछले साल का ITR महत्वपूर्ण होते हैं।
7. क्या मैं पिछला ITR फाइल कर सकता हूं?
हाँ, यदि आपने पिछले वर्ष ITR फाइल नहीं किया है, तो आप बिलेटेड रिटर्न (Belated Return) फाइल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको कुछ अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है।
8. क्या ITR फाइल करना ऑनलाइन संभव है?
हाँ, आप सरकारी वेबसाइट या किसी विश्वसनीय CA/ITR फाइलिंग सेवा के माध्यम से ऑनलाइन ITR फाइल कर सकते हैं।
9. अगर मैं ITR फाइल नहीं करता, तो क्या होगा?
यदि आपकी आय कर योग्य सीमा में आती है और आप ITR फाइल नहीं करते, तो आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है और पेनल्टी लग सकती है।
10. क्या फ्रीलांसर और यूट्यूबर्स को भी ITR फाइल करना चाहिए?
हाँ, यदि आपकी आय कर योग्य सीमा में आती है या स्रोत पर TDS कटा है, तो आपको ITR फाइल करके अपनी कमाई को रिपोर्ट करना चाहिए और टैक्स लाभ प्राप्त करना चाहिए।